Monday, March 7, 2016

देश के 90% से ज्यादा लोगो की आवश्यकता सुपर फ़ास्ट और फ़ास्ट ट्रेन बढ़ाने की और 80% से ज्यादा लोगो की आवश्यकता सुपर फ़ास्ट और फ़ास्ट ट्रेन में जनरल कोच की संख्या 40% करा देने की है... 2. बुलेट ट्रेन की सफ़र प्लेन की सफ़र से भी महँगी होती है. बुलेट ट्रेन देश के 0.001% लोगो की आवश्यकता हो सकती है लेकिन 99.999% लोगो की आवश्यकता नहीं है...

ये हालत सिर्फ जोधपुर-राजस्थान में नहीं, मुंबई - महाराष्ट्र, अमदावाद - गुजरात, पटना - बिहार, बेंगलोर - कर्णाटक, कलकता - बंगाल और देश के अन्य राज्यों के स्टेशन की है और 10 हजार करोड़ रु. खर्च कर के बदलाव लाया जा सकता है. किसी भी कर्ज की की आवश्यकता नहीं है. सिर्फ ट्रेन के किराया में थोडा बदलाव करके किया जा सकता है.
1. जनरल बोगी में सफ़र करनेवाले पैसेंजरो में से 90% से ज्यादा पेसेंजर, ओबीसी, एससी और एसटी होते है. सुपर फ़ास्ट या फ़ास्ट ट्रेन में 10% कोच जनरल होते है.. जनरल कोच में 80 सिट होती है और पेसेंजर हो जाते है150 से ज्यादा. भेड़- बकरों की तरह सफ़र करनी होती है...
देश के 90% से ज्यादा लोगो की आवश्यकता सुपर फ़ास्ट और फ़ास्ट ट्रेन बढ़ाने की और 80% से ज्यादा लोगो की आवश्यकता सुपर फ़ास्ट और फ़ास्ट ट्रेन में जनरल कोच की संख्या 40% करा देने की है...
2. बुलेट ट्रेन की सफ़र प्लेन की सफ़र से भी महँगी होती है. बुलेट ट्रेन देश के 0.001% लोगो की आवश्यकता हो सकती है लेकिन 99.999% लोगो की आवश्यकता नहीं है...
अमेरिकी संस्था रीजन फाउंडेशन की रिपोर्ट हाई स्पीड रेल इन यूरोप एंड एशिया की साल 2013 की रिपोर्ट के अनुसार हाई स्पीड ट्रेन की प्रॉफिटेबिलिटी में कई अहम चीजें मायने रखती है.... खास तौर से उसके बनाने में अधिग्रहीत की गई जमीन, पैसेंजर की संख्या, टिकट की प्राइस, साथ ही कंस्ट्रक्शन लागत पर डिपेंड करती है। रिपोर्ट के अनुसार केवल दुनिया में जापान में चलने वाली टोक्यो टू ओसाका लाइन, फ्रांस में चलने वाले पेरिस टू लेऑन लाइन ही प्रॉफिटेबल हैं। इसके अलावा जापान में चलने वाली हकाता टू ओसाका ब्रेक-इवेन पर है। यानी, उसे न घाटा हो रहा है और न ही फायदा हो रहा है। रिपोर्ट के अनुसार उसे प्रॉफिटेबल बनने में कम से कम अब से 10 साल लगेंगे। इसके अलावा यूरोप, जापान में जितनी भी हाईस्पीड लाइन हैं वह घाटे में चल रही हैं।...
Read more at: http://money.bhaskar.com/…/MON-INDU-MANU-know-why-the-bulle…
बुलेट ट्रेन देश के 1% लोगो की भी आवश्यकता नहीं है, फिर भी बुलेट ट्रेन को प्राथमिकता देनेवाली सरकार कोर्पोरेट घरानों की सरकार हो सकती है, लोगो की सरकार हरगिज नहीं होसकती..
कोई भी लोकतान्त्रिक जिम्मेदार सरकार की जिम्मेदारी देश के 50% से ज्यादा लोगो की समस्या के समाधान को प्राथमिकता देने की होती है.

No comments:

Post a Comment